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Ground Zero [Emraan Hashmi] Movie Review In Hindi |
Ground Zero Movie Review By Komal Nahata(Filminformation)
"कुल मिलाकर, ग्राउंड जीरो एक बहुत ही साधारण फिल्म है। इसकी सबसे बड़ी खूबी इसका नियंत्रित बजट और इस सप्ताह की शुरुआत में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर इसकी सामयिकता है। लेकिन हमारे देश के बारे में एक मानवीय नाटक, जो दर्शकों को नायक के प्रति उदासीन और सहानुभूति रहित छोड़ देता है, शायद ही कभी टिकट खिड़कियों पर काम करने का मौका दे।"
Ground Zero Movie Review By Smita Srivastava(Jagran)
"खलनायक जब सशक्त होता है तब नायक की दूरदर्शिता, साहस और चपलता लोगों की भावनाओं को छूती है। यहां पर खलनायक का पहलू कमजोर है। इंटरवल के बाद कहानी जब गाजी बाबा को पकड़ने के करीब पहुंचती है तो उस ऑपरेशन में थोड़ा ट्विस्ट और टर्न को डालते हुए उसे थोड़ा दिलचस्प बनाने की जरूरत थी। गाजी बाबा की निजी जिंदगी को भी थोड़ा टटोला जा सकता था। इसी तरह दिल्ली में तैनात शीर्ष एजेंसियों के पात्रों को समुचित तरीके से गढ़ा नहीं गया है। उनके निर्णय और संवाद कमजोर लगते हैं, जिससे कथानक की गंभीरता कम होती है।"
Ground Zero Movie Review By Pankaj Shukla(Amar Ujala)
"बतौर निर्देशक तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने सिर्फ अपने काम पर पूरा ध्यान रखा है, और उसमें वह पास भी हो गए, लेकिन एक निर्देशक का काम पूरी फिल्म को संभालना भी होता है। फिल्म अपनी पटकथा और संवादों में कमजोर है। चार चार गीतकारों के बावजूद फिल्म का एक भी गाना फिल्म की रिलीज से पहले हिट न हो पाना फिल्म की पांचवीं कमजोर कड़ी है। तारीफ करने लायक फिल्म में जो है वह है कमलजीत नेगी की शानदार सिनेमैटोग्राफी और विजय दहिया की एक्शन कोरियोग्राफी। चंद्रशेखर प्रजापति ने संपादन थोड़ा ढीला जरूर छोड़ दिया है लेकिन यहां भी असल जिम्मेदारी निर्देशक की ही तो है।"
Ground Zero Movie Review By Rekha Khan(NBT)
"हम अब तक कश्मीर पर आधारित 'मिशन कश्मीर', 'द कश्मीर फाइल्स', 'आर्टिकल 370', 'शिकारा', 'रोजा' जैसी कई फिल्में देख चुके हैं, मगर निर्देशक तेजस प्रभा विजय देऊस्कर की कहानी में जितना थ्रिलर एलिमेंट मजबूत है, उतना ही ह्यूमन एंगल भी स्ट्रांग है। फिल्म का दिल धड़का देने वाला पहला सीन ही कश्मीर के 2001 के अराजक माहौल को सेट कर देता है। निर्देशक ने आतंकियों को मार गिराने की कसम खाने के जज्बे के साथ -साथ हुसैन जैसे लड़कों को बंदूक उठाने से रोकने के ट्रैक को बहुत ही भावनात्मक ढंग से पेश किया है।"
Ground Zero Movie Review By Sonali Naik(TV9)
"फिल्म ‘ग्राउंड जीरो‘ सीधे मुद्दे की बात करती है, इधर-उधर बिलकुल नहीं भटकती. हालांकि, जिस तरह से फिल्म का फर्स्ट हाफ टाइट है, वैसे ही एडिटिंग टेबल पर फिल्म का क्रिस्प किया जा सकता था. लेकिन फिल्म का जबरदस्त क्लाइमेक्स आपकी सारी शिकायतें दूर कर देगा. कुल मिलाकर, ग्राउंड ज़ीरो एक दमदार फिल्म है. इमरान हाश्मी की इस फिल्म में आर्मी फिल्मों में अक्सर दिखने वाली पुरानी बातों से बचने की कोशिश की है. अच्छी कहानी, अच्छा निर्देशन, अच्छी एक्टिंग और स्ट्रॉन्ग मैसेज इससे ज्यादा और क्या चाहिए, ये फिल्म थिएटर में जाकर जरूर देख सकते हैं."
Ground Zero Movie Review By Pratik Shekhar(News 18)
"तेजस प्रभा विजय देओस्कर द्वारा निर्देशित यह फिल्म शुरुआत से ही दिलचस्प है. फिल्म की कहानी को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है, जिसमें कुछ दृश्य बहुत ही इमोशनल हैं. इमरान हाशमी ने बीएसएफ अधिकारी के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. अभय धीरज सिंह, ललित प्रभाकर और दीपक परमेश ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है. साईं तम्हाणकर और ज़ोया हुसैन ने भी अपनी छोटी भूमिकाओं में प्रभाव छोड़ा है.कुल मिलाकर, ग्राउंड जीरो को बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे को श्रद्धांजलि के रूप में देखा जाना चाहिए."
Ground Zero Movie Review By Amit Bhatia(ABP News)
"फिल्म को लिखा है संचित गुप्ता और प्रियदर्शी श्रीवास्तव ने और डायरेक्ट किया है तेजस प्रभा ने. इन तीनों ने इस फिल्म को ठीक से समझा ही नहीं. इन्होंने वही सब डाल दिया जो हम कई बार देख चुके हैं. जिस मिशन की बात थी उसे और अच्छे से दिखाना चाहिए था. स्क्रीनप्ले में जंप दिखते हैं, कहानी कहीं की कहीं पहुंच जाती है और फिल्म से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं. कुल मिलाकर ये फिल्म निराश करती है, आप चाहें तो ओटीटी पर आने का इंतजार करें."
Ground Zero Movie Review By Sakshi Verma(India TV)
"ग्राउंड जीरो कुल मिलाकर एक अच्छी फिल्म है जिसमें कई उतार-चढ़ाव हैं। यह फिल्म कश्मीरी दृष्टिकोण को सामने लाती है जिसकी वर्तमान परिदृश्य में बहुत जरूरत है और यह इस समय वास्तविक रूप से जले हुए दिलों को सांत्वना भी प्रदान करेगी।"