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Costao [Zee5] Movie Review In Hindi |
Costao Movie Review By Komal Nahata(Filminformation)
"सेजल शाह का निर्देशन साधारण है, जो रूटीन स्क्रिप्ट की वजह से सीमित है। केतन सोधा और अजय जयंती का संगीत साधारण है। गीत आम हैं। केतन सोधा का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी प्रभावशाली है। राफे महमूद का कैमरावर्क अच्छा है। अब्बास अली मोगुल के एक्शन सीन और स्टंट ठीक-ठाक हैं। सपना चंद्रा की प्रोडक्शन डिजाइनिंग और अभिजीत श्रेष्ठ और विजय गुप्ता का आर्ट डायरेक्शन ठीक-ठाक है। उन्नीकृष्णन पीपी का संपादन और भी बेहतर होना चाहिए था। कुल मिलाकर, कोस्टाओ एक बहुत ही साधारण फिल्म है, जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी का अभिनय सबसे अच्छा है।"
Costao Movie Review By Jaya Dwivedi(India TV)
"कुल मिला कर ये एक ऐसी फिल्म है जिसे आप एक बार जरूर देख सकते हैं। फिल्म की शुरुआत आपके लिए हाई बार सेट कर देगी, लेकिन कहानी का क्लाइमैक्स निराश करेगा। ऐसे में थोड़ा ठगा महसूस हो सकता है, लेकिन इमोशन्स का सही चित्रण और कलाकारों की दमदार एक्टिंग ही इसकी जान है। कहानी में सब्सटैंस खोजने वाले लोगों के लिए ये फिल्म नहीं है, लेकिन जो लोग हार्डकोर इमोशनल जर्नी देखना पसंद करते हैं उन्हें ये काफी पसंद आएगी।"
Costao Movie Review By Pankaj Shukla(Amar Ujala)
"फिल्म ‘कॉस्तॉव’ उन्हीं विनोद भानुशाली ने बनाई है जो इसके पहले ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ और ‘मैं अटल हूं’ जैसी फिल्में बना चुके हैं। ‘कॉस्तॉव’ उनकी तीसरी बायोपिक है और पहली दोनों फिल्मों के बीच की फिल्म है। ये न तो बहुत उत्कृष्ट फिल्म मानी जा सकती है और न ही बहुत औसत, ये एक दिलचस्प फिल्म है जिसे एक बार देखे जाने से मन को सुकून मिलता है और दिमाग को कई सारे ऐसे सवाल, जिनके जवाब सोचते ही जमीर बेचैन हो उठता है। विनोद को बायोपिक का बाजीगर का तमगा मिला हुआ है। कुछ और बायोपिक के तीर अभी उनके तरकश में बाकी हैं।"
Costao Movie Review By Prashant Jain(NBT)
"फिल्म की डायरेक्टर सेजल शाह के कंधों पर कस्टम अफसर कॉस्ताव फर्नांडिस की दमदार कहानी पर फिल्म बनाने की जिम्मेदारी थी। लेकिन वह इसमें पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाईं। फिल्म की शुरुआत जोरदार तरीके से होती है, जो दर्शकों की दिलचस्पी जगाती है। लेकिन कॉस्ताव की मुश्किलों का दौर शुरू होने के साथ ही फिल्म की कहानी और पटकथा भी कमजोर पड़ जाती है। फिल्म का अंत भी उतना दमदार नहीं बन पड़ा है।"
Costao Movie Review By Amit Bhatia(ABP News)
"भावेश मंडालिया और मेघना श्रीवास्तव ने कहानी लिखी है और सेजल शाह ने डायरेक्ट किया है. इन तीनों को ही ये सोचना चाहिए था कि अमिताभ बच्चन के जमाने से हम यही कहानियां देखकर बड़े हुए हैं. कुछ तो फिल्म में ऐसा डालते कि दर्शक को मजा आता या फिर ये फिल्म इसी सोच से बनाई गई कि ओटीटी पर डंप कर दी जाएगी. कुल मिलाकर ये फिल्म वक्त की बर्बादी है."
Costao Movie Review By Shwetank(Lallantop)
"दो घंटे की ‘कॉस्ताओ’ अधिकांश हिस्से में एक एंगेजिंग फिल्म है. हालांकि सेकंड हाफ में ये अपनी दिशा से भटक जाती है. ये आपको कॉस्ताओ के निजी जीवन में भी इंवेस्टेड रखना चाहती है. लेकिन साथ ही उसके न्याय पाने की कहानी भी दिखाना चाहती है. फिल्म इन दोनों पहलुओं के बीच ठीक बैलेंस नहीं बना पाती. वही वजह है कि कोर्टरूम वाला हिस्सा फ्लैट सा लगता है. आप उसका कोई इम्पैक्ट महसूस नहीं करते. इस एक मसले से इतर ये आपको अपने किरदारों और उनकी दुनिया में पूरी तरह से इंवेस्टेड रखती है."
Costao Movie Review By Jyotsna Rawat(Punjab Kesari)
"फिल्म की कहानी भावेश मंडालिया और मेघना श्रीवास्तव ने लिखी है और इसे सेजल शाह ने निर्देशित किया है। हालांकि, यह टीम एक अच्छी कहानी का वादा करती है, लेकिन पूरी फिल्म में कहीं भी नया या चौंकाने वाला कुछ नज़र नहीं आता। फिल्म की कहानी रियल लाइफ बेस्ड है तो उसे उसके हिसाब से ही पेश किया गया। फिल्म को ज्यादा नयापन नहीं नजर आया।"